शुक्रवार, 1 मई 2015

गुरुदेव के भजन-175 (Gurudev Ke Bhajan175)




रंग में अपने बाबा चोला रंग देना 
दर तेरे आये है बाबा शरण में ले लेना 

शरण में ले लेना बाबा  अपना कर लेना 
पापों में डूब रहे तुम हमें बचा लेना 

माया मोह की नगरी से क्या लेना 
दास बना लेना तुम पार लगा देना 

भंवर में अटक गए हमे पार लगा देना 
सौप दिया जीवन मेरी लाज बचा लेना 

झूठा जग है सारा फंद छुड़ा देना 
चक्र चौरासी से तुम हमें छुड़ा लेना 

नज़रे कर्म से मालामाल कर देना 
दर पे जो आये उसे निहाल कर देना 


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