रविवार, 3 मई 2015

गुरुदेव के भजन-180 (Gurudev Ke Bhajan180)



जो दर तेरे आएगा मुँह मांगा पायेगा बाबा है बड़े दयालु हर दुःख कट  जायेगा 

निश्चय और विश्वास को लेकर जो भी दर पे आते है 
खाली झोली बाबा भरते मांगी मुरादें पाते है 
बाबा जी के द्वार से अब तक लौटा नहीं है कोई खाली 
जो रोता रोता आया वो हँसता जायेगा 

दिल खुशियों सेभर जाता है महिमा  उसकी न्यारी है 
सबकी विपदा पल में हरले ऐसे भोले भंडारी है 
ऐसी शोभा प्यारी है दर की चारों तरफ है हरियाली 
शुभ कर्म जगेगा तेरा जो दर्शन पायेगा 

बाबा दुआ माँगा करती हूँ  तेरे खज़ाने भरपूर रहे 
कोई भी दुखिया दर से न लौटे सबपे मेहर की नज़रे करे
करना कृपा ओ बाबा सबपे जाये  तेरा वचन खाली 
दरबार है सबसे ऊँचा और रंग जमाएगा 

निर्भय जग में वो हो जाता जिस पर तेरा हाथ रहे 
मांगू तुझसे भीख यही मै हर पल तेरा साथ रहे 
भूले न तुझको पल भर भी हम जाये न कोई श्वास खाली 
तेरा ही नाम ओ बाबा हमे पार लगाएगा 

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