रविवार, 3 मई 2015

गुरुदेव के भजन-184 (Gurudev Ke Bhajan184)




मै तेरे दर आऊँगी बनके भिखारन मै तेरी पुजारन हूँ दर की भिखारन 

नैनो में बस गए तुम ही सांवरिया तेरे ही कारण हुई मै बावरिया 
ओ मेरे बाबा तुम हो भोले छोड़के दुनिया के सारे झमेले 
मै गुण तेरे गाऊँगी बनके पुजारन 

नैनो को कोई भाये न दूजा करूँगी निशदिन तेरी ही पूजा 
ओ सावरिया ओ मन बसिया ओ मोरे व्याकुल मन के रसिया 
भजन तेरे गाऊँगी बनके पुजारन 

दिल में बसाई तस्वीर तेरी जल्दी से आना बाबा करना न देरी 
भंवर में अटकी मोरी नैया तुम ही हो बाबा मोरे खिवैया 
दर्श तोरे पाऊँगी बनके पुजारन


__________________________________****___________________________ 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें