बुधवार, 6 मई 2015

गुरुदेव के भजन-206 (Gurudev Ke Bhajan206)




मन है मेरा बाबा व्याकुल किसको सुनाये नहीं कोई 

बाबा जी तेरे द्वार पर हम आस लेके आये है 
दिल न तोड़ो बाबा मेरा आंसू भर भर आये है 
देखो बह जाये न काजल 

मेरी वीणा की मधुर झंकार गुम क्यों हो गई 
तू जो रूठा मुझसे बाबा दुनिया वीरां हो गई 
देखो मन मेरा है घायल 

मेरा मन तो बाबा तुमको याद करके रो दिया 
चुपके चुपके  देखा तुमने होंसला पर न दिया 
गम के नग़मे गाये पायल 


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