क्यों अभिमान करे प्राणी थोड़े दिन की जिंदगानी
झूठी काया-माया है बादल की सी छाया है
छाया हुई किसकी रानी
सब कुछ छोड़ के जाना है प्रीत तोड़के जाना है
भूल न जाना हे प्राणी
जो आता है जाता है फूल खिले मुरझाता है
दुनिया है आनी -जानी
गुण बाबा का गा लेना जीवन सफल बना लेना
बाबा की भक्ति है सुखदानी
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