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बुधवार, 6 मई 2015

गुरुदेव के भजन-208 (Gurudev Ke Bhajan208)




क्यों अभिमान करे प्राणी थोड़े दिन की जिंदगानी 

झूठी काया-माया है बादल की सी छाया है 
छाया हुई किसकी रानी 

सब कुछ छोड़ के जाना है प्रीत तोड़के जाना है 
भूल न जाना हे प्राणी 

जो आता है जाता है फूल खिले मुरझाता है 
दुनिया है आनी -जानी 

गुण बाबा का गा लेना जीवन सफल बना लेना 
बाबा की भक्ति है सुखदानी 



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