दुःख दूर कर हमारा संसार के रचैया
बाबा बचाओ आकर मंझधार में है नैया
तुम देर न लगाओ बाबा जी जल्दी आओ
मेरी लाज को बचाओ पकडूँ मै तेरे पैयाँ
तेरी शरण में आये है गम के काले साये
तुम भव से पार करदो न डूब जाए नैया
तेरे दर सवाली आया दुनिया का हूँ सताया
लौटाना तुम न दर से तेरे हाथ मेरी नैया
बुरे या भले है तेरे बाबा जी बच्चे तेरे
नज़रे मेहर की करदो ममता की करदो छैया
______________________
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें