तर्ज ----गरीबो की सुनो
मैया जी सुनो दर आया सवाली
हो जाये कृपा मुझपे , माँ शेरा वाली
बदकिस्मत था दर्शन तेरे करने को न आया माँ
पर दाती सुनले तू मेरी नाम न तेरा भुलाया माँ
तेरे दर पे मैने भेंट चढ़ाई रो रो दास्ता दुःख की सुनाई
जोतो वाली अजब है तेरी मैया जोत निराली
तेरी महिमा गाते दाती तीन लोक में सारे ही
तेरी रोशन ज्योति से जलते है चाँद सितारे भी
ये दुनिया तूने खुद ही बनाई नज़र क्यों फिर भी तू आई
तू ही तो इस जग की दाता है सवाली
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