तर्ज -----पर्दे में रहने दो
ओ बाबा दर्शन दो कुछ नज़रे कर्म करदो
तेरे दर पर आये है बाबा दया दृष्टि करदो
न लौटाना खाली आये है जो सवाली
बाबा तुम तो बड़े दयालु हो
सुनके महिमा तेरी हम आये है
हमे न ठुकराओ दर से तुम
ज़माने भर के हम ठुकराये है
करदो सबकी मुरादें तुम पूरी
बड़ी आशा लेके सब आये है
सम्भालो गिर न कहीं जाये हम
ठोकरें गम की खाके आये है
खज़ाने खोलो अपनी ममता के
झोलियाँ सबकी भरदो ममता से
यही सबसे बड़ी न्यामत है
इच्छा यही तो हम सब लाये है
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