तर्ज---मेरी तमन्नाओ की तकदीर
सोई तकदीर मेरी आके सवार दो
डूब रहे है बाबा भव से उबार दो
छाया है गम का हर ओर अँधेरा
अपनी कृपा से बाबा करदो सवेरा
गम से भरा जीवन है थोड़ा सा प्यार दो
मन के विकारो ने हमको है लूटा
जिसपे भरोसा किया निकला वो झूठा
किस्मत बदल दो मेरी जीवन संवार दो
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