तर्ज ----रहा गर्दिशों में हरदम
दिन रात अम्बे दिल ने तेरी आरती है गाई
रो रो के दिल ने मैया सब दास्ता सुनाई
तेरी दुनिया ने तो दाती मुझको बड़ा सताया
देखा न पल ख़ुशी का न चैन दिल को आई
इक बार गर तू दाती मेरी जिंदगी बना दे
मेरे अंग संग में माँ, जब है तू ही समाई
जो न मुझको दर्श देगी ,तो मेरी ये जान ले ले
हूँ भंवर में मैया बैठी ,मेरी नैया डगमगाई
तूने सवारी मैया , लाखो की बिगड़ी किस्मत
मेरे लिए क्यों मैया , तूने देर है लगाई
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