तर्ज-----चेहरे पे ख़ुशी
द्वारे से ख़ुशी मिल जाती है जो दर्श मैया का पाता है
उसकी किस्मत खुल जाती है जो गीत मैया के गाता है
वो जगदम्बा माँ शक्ति है
जिसकी जोत में दया बरसती है
सुंदर सिंह वाहिनी का जलवा
हर इक का मन बहलाता है
जो शीश झुकाते श्रद्धा से
पाते है वो रुतबा मैया से
अकबर जैसे को ज्ञान मिले
ध्यानु जैसा तर जाता है
सुख शांति हर फल देने को
मैया का अजब दरबार खुला
जो भी है सेवक मैया का
जीवन को सफल बनाता है
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