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मंगलवार, 19 मई 2015

गुरुदेव के भजन 337 (Gurudev Ke Bhajan 337)



मैने रंग ली आज चुनरिया बाबा तेरे रंग में 
बाबा तेरे रंग में------ --बाबा तेरे रंग में 

जल्दी से आजा मेरी बावरी अखियां तेरी प्यासी 
चरणो में तेरे बाबा स्वर्ग बना लूँ तेरी दासी 
तुम तो मेरे बन गए हो मेरे मन में रम रहे हो 

तेरे सिवा बाबा मुझे भाये न दूजा तेरी दासी 
 आजा मुझे पल छिन चैन पड़े न रहती उदासी 
तुम हो मेरे मन के कृष्णा आज मिटादो मेरी तृष्णा 

रंग में रंगली मैने अपनी चुनरिया बाबा ऐसे 
मीरा और राधा ने श्याम के रंग में रंगाई जैसे 
आज बना लो मुझको अपना पूरा करदो मेरा सपना 


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