तर्ज -----महलों ने छीन लिया
बाबा जी तेरा द्वार मिला मुझे नया संसार मिला
तेरे दर्शन को पाकर दिल को भी करार मिला
नज़रो से तुम दूर मुझसे न होना
न खाली पड़े फिर दिल का कोना
तुझे दिल में बसाया है तुमसे ही प्यार मिला
देखो कभी दिल न टूटे हमारा
दुनिया में बस इक सहारा तुम्हारा
यादोँ की खुशबु से इस दिल का चमन खिला
शरण में पड़ी हूँ दासी तुम्हारी
करूँ तेरी पूजा मै हूँ दुखियारी
भव पार लगाओगे दिल को ऐतबार मिला
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