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सोमवार, 18 मई 2015

गुरुदेव के भजन 317 (Gurudev Ke Bhajan 317)



लगन तुमसे लगाई है जो होगा देखा जायेगा 
प्रीत जग की ठुकराई है जो होगा देखा जायेगा 

तुम्हारे दर पे जबसे हमने सर अपना झुकाया है 
पराये हो गए है सब जो होगा देखा जायेगा 

बसाई है तेरी तस्वीर जबसे मैने इस दिल में 
नज़ारे पड़ गए फीके जो होगा देखा जायेगा 

तमन्ना है मिटा दूँ अपनी हस्ती तेरे कदमो पर 
करूँ कुर्बान ये जीवन हो होगा देखा जायेगा 

नज़र भर देख लूँ तुझको यही है जुस्तजू मेरी 
मिले फिर खाक में जीवन जो होगा देखा जायेगा 


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