हे मेरे गुरुदेव जी , विनती मेरी सुन लीजिये
शरण में अपनी लगाओ, ज्ञान का रास्ता बताओ
हो उजाला राह में हमे ज्ञान ऐसा दीजिये
हम तो बालक है तुम्हारे , तुम हो माता पिता हमारे
गलतियाँ बिसरा दो सारी,शरण अपनी लीजिये
बाबा हमको माफ़ करना , ह्रदय ने तुम मेरे बसना
लोभ मोह हंकार के सन्ताप को हर लीजिये
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