मंगलवार, 19 मई 2015

गुरुदेव के भजन 344 (Gurudev Ke Bhajan 344)



हे मेरे गुरुदेव जी , विनती मेरी सुन लीजिये 

शरण में अपनी लगाओ, ज्ञान का रास्ता बताओ 
हो उजाला राह में  हमे ज्ञान ऐसा दीजिये 

हम तो बालक है तुम्हारे , तुम हो माता पिता हमारे 
गलतियाँ बिसरा दो सारी,शरण अपनी लीजिये 

बाबा हमको माफ़ करना , ह्रदय ने तुम मेरे बसना 
लोभ मोह हंकार के सन्ताप को हर लीजिये 



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