तर्ज ----ता थैया करते आना
मेरे बाबा जी दर्श दिखाना मेरे दिल को तोड़ न जाना
किया वादा जो तुमने निभाना ये नाता तोड़ न जाना
तुम दर्श दिखाओ मुझको मै जाऊँ तुम पर वारी
मेरे मन के मीत तुम्ही हो ये तन मन है बलिहारी
अब आओ न आ जाओ न आ जाओ न तरसाओ न
मेने अपने मन में तुझको बाबा जी रोज़ है पूजा
तेरे बिन मुझे ओ बाबा न भाये कोई दूजा
अब आओ न आ जाओ न आ जाओ न तरसाओ न
तेरे दर्शन को जब पाऊँ मेरा जीवन सफल हो जाये
यही आस है मेरी बाबा तेरी कृपा हो जाये
अब आओ न आ जाओ न आ जाओ न तरसाओ न
___________________________
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें