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सोमवार, 18 मई 2015

गुरुदेव के भजन 332 (Gurudev Ke Bhajan 332)


तर्ज -----कदर जाने न मेरा 

मै तो दर्शन पाऊँ आज मेरे खुल गए भाग , मेरे गुरु जी आन मिले 

तेरे बिना बाबा मेरी कौन सुनेगा 
कौन सुनेगा मेरे दुःख को हरेगा 

तेरे सिवा बाबा मेरा कोई नही है 
कोई नही है क्यों देर करी   है 

मेरी  ख़ुशी का ठिकाना नही है 
ठिकाना नही कहीं जाना नही है 

बाबा जी मुझको भूल न जाना 
भूल न जाना मुझे दर्श दिखाना 

मेरे घर पर बजे शहनाई 
बजे शहनाई आज शुभ घड़ी आई 

बाजे ढोलक और मंजीरे 
ढोल मंजीरे हुए सपने पूरे 


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