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बुधवार, 6 मई 2015

गुरुदेव के भजन-209 (Gurudev Ke Bhajan209)




हे मानव अपना दिल पत्थर न बना लेना 
अपने जीवन को तू फिर सफल बना लेना 

परदेसी न इतराना यहाँ चंद रोज़ रहना 
अपने सा समझ सबको किसी को दुःख न देना 

मिली दौलत जो तुझको तो भलाई ही करना 
सांसो की वीणा से गीत बाबा का गा  लेना 

तेरे हित की सुनाते है तू मान ज़रा कहना 
तू ज़रूर सुखी होगा दुखी दिल की दुआ लेना 



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