गुरुवार, 7 मई 2015

गुरुदेव के भजन-225 (Gurudev Ke Bhajan225)




तेरे दर पे आते है आते रहेंगे की कदमों में सिर को झुकाते रहेंगे 
तूने ही तो मुझको नई जिंदगी दी कहानी ये अपनी सुनाते रहेंगे 

मै ऐहसा भूल जाऊं ये मुमकिन नही है
 पाई जहाँ मंजिल वो दर तो यही है 
ये चंदा ढलेगा ये सूरज ढलेगा 
वचन ये तुम्हारा कभी न टलेगा 
जीवन तेरे रंग में रंगाते रहेंगे कहानी ये अपनी सुनाते रहेंगे 

मेरा सारा जीवन तो इक धूप छाँव है 
दुआ है कि बसता रहे आशियाँ है 
तेरे नाम की जो लगन ये जगी है 
मेरे दिल की नैया किनारे लगी है 
इसी धुन में जीवन बिताते रहेंगे कहानी ये अपनी सुनाते रहेंगे 


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