गुरुवार, 14 मई 2015

गुरुदेव के भजन-289 (Gurudev Ke Bhajan 289)



तर्ज ----रेशमी सलवार कुरता 

सच्चा है दरबार मेरे बाबा का करलो आज दीदार मेरे बाबा का 

बाबा का नाम जो ध्याते मुहमाँगा  वो पा जाते 
बाबा जी खोलें खज़ाने झोली वो भरके जाते 
बोलो जयकार मेरे बाबा का 

खुशियाँ ही मिलती दर से न लौटा कोई सवाली 
करें पूरी मुरादें सबकी लौटा न दर से खाली 
भरा है भंडार मेरे बाबा का 

कोई मांगे चांदी सोना कोई मांगे जग की खुशियाँ 
मै तो इनकी पुजारिन न भावे अब ये दुनिया 
करम मेरे बाबा का



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