तर्ज ----अकेले है चले आओ जहाँ हो
तेरे बिन हम अकेले है कहाँ हो ,मै ढूढूं हर जगह तुमको कहाँ हो
नहीं मिलती है मंजिल न कोई मेरा साहिल
बड़ी ही उलझनों में है खोया मेरा ये दिल तेरे बिन हम अकेले है कहाँ हो
मेरी किश्ती पुकारे लगा दो तुम किनारे
है टूटा रिश्ता सबसे मै हूँ तेरे सहारे तेरे बिन हम अकेले है कहाँ हो ,
है वीराना जहाँ है न कोई दूसरा है
तुझी को ढूंढती हूँ तू ही तो आसरा है तेरे बिन हम अकेले है कहाँ हो ,
लबों पे इल्तज़ा है तू ही मेरा खुदा है
सुनो फरियाद दिल की यही मेरी दुआ है तेरे बिन हम अकेले है कहाँ हो ,
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