सोमवार, 18 मई 2015

गुरुदेव के भजन 319 (Gurudev Ke Bhajan 319)



गुरु जी तुम भूलें भुला दो मेरी 


मै इक पगली भी हूँ तुम बिन 
विनती सुनलो मेरी गुरु जी तुम भूलें भुला दो मेरी 

कछु नही भावे कछु नही सूझे 
अपनी बना लो चेरी गुरु जी तुम भूलें भुला दो मेरी 

तुम मोरे स्वामी अंतर्यामी 
कब सुध लोगे मोरी गुरु जी तुम भूलें भुला दो मेरी 

कबहुँ सुनोगे कबहुँ कहोगे 
तुम मति फेरो मोरी गुरु जी तुम भूलें भुला दो मेरी 

दुनिया ने ठुकराया मुझको 
शरण लीन्ही मैने तोरी गुरु जी तुम भूलें भुला दो मेरी 

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