सोमवार, 18 मई 2015

गुरुदेव के भजन 322 (Gurudev Ke Bhajan 322)



तर्ज ---मै ससुराल नही जाऊँगी 


बाबा जी दौड़े चले आएंगे  तुम दिल से पुकारो 

दुखड़े हरेंगे तेरे कष्ट हरेंगे 
गम जिंदगी के तेरे मिट जायेगे --------------  तुम दिल से पुकारो 

बाबा के रंग में जो चोला रंगा ले 
उसके बाबा जी बन जायेगे  -------------------   तुम दिल से पुकारो 

दिल में बसा लो उन्हें मन में रमा लो 
सुनके पुकार चले आएंगे -----------------------  तुम दिल से पुकारो 

प्रेम है भक्ति प्रेम है शक्ति 
नाम की लगन लगाएंगे ------------------------  तुम दिल से पुकारो 


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