रविवार, 31 मई 2015

माता की भेंट - 33

खड़ी माँ खड़ी संगत आन के बड़ी, तेरे दर ते खड़ी 
दर्शन दे दो मैया जी मेनू आस है बड़ी 

चढ़के चढ़ाइया आये दूरो तेरे दास माँ 
भरदे तू झोलिया माँ कर पूरी आस माँ 
शेरा वालिये -मेहरा वालिये -----------

लखा ते हज़ारा आये दर ते फकीर माँ 
खुशियाँ दी खैर पा दे खड़े दलगीर माँ 
शेरा वालिये - मेहरा वालिये -----------

उच्चे उच्चे पर्वता ते मेले लान वालिये 
दर्श दिखादे सानू सुए चोले वालिये 
शेरा वालिये - मेहरा वालिये ------------

दास तेरा माँ तेरे दर उते आया माँ 
धोदे मेरे पाप कर निर्मल काया माँ 
शेरा वालिये - मेंहरा  वालिये -------------

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