तर्ज ----लागी छूटे न
बाबा दूर करो सारे ये गम चरणो में आपके आये जो हम
तुझको पुकारे देके सदाये आ जाओ ज़रा
आंसू की हम तो माला पिरोये आ जाओ ज़रा
बहलाये भी न बहले जिया करें क्या हम बाबा दूर करो सारे ये गम
बाबा जी तुम बिन कौन है मेरा तरस खाओ तुम
तन मन बाबा करती हूँ मै तेरे ही अर्पण
हाथ रखो जो सर पे मेरे तो मिटे सारे गम बाबा दूर करो सारे ये गम
दिल में हमारे बाबा जी आके निवास करो
दर्शन तेरा हर पल पाये कृपा जो करो
इसके सिवा और न कुछ भी चाहे हम बाबा दूर करो सारे ये गम
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