शुक्रवार, 22 मई 2015

गुरुदेव के भजन 381 (Gurudev Ke Bhajan 381)



तर्ज;---माँ मुझे अपने आँचल में 

बाबा मुझे अपने चरणो से  लगा ले शरण में बुला ले कि और मेरा कोई नहीं 
तेरा दास हूँ मै बाबा पास बुला ले चरणो में बिठा ले कि और मेरा कोई नही 

बच्चा तेरा हूँ बाबा मै तो अनजान हूँ 
माफ़ करो भूल मेरी बिल्कुल नादान हूँ 
माँ की तरह मुझको आँचल में छुपा ले  चरणो में बिठा ले कि और मेरा कोई नही 

कोई भूल हो तो तुम माफ़ करो बाबा 
अपने बच्चो को न ठुकराओ बाबा 
आये शरण में तू गले से लगाले  चरणो में बिठा ले कि और मेरा कोई नही 

दुनिया ने बाबा मुझे कितना रुलाया 
सबने ठुकराया मुझे सबने सताया 
तुझपे भरोसा है मेरा तू ही बुला ले  चरणो में बिठा ले कि और मेरा कोई नही 

जग का ठुकराया बाबा दर पे तेरे आया 
करदे मुझपे भी बाबा सुख की तू छाया 
गम के भंवर से तू मुझको बचाले  चरणो में बिठा ले कि और मेरा कोई नही 

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