सोमवार, 1 जून 2015

माता की भेंट - 45



बागी कोयला बोल रहिया , बना विच मोर बोलण 
, मैया मेरी आजा आजा मैया मेरी आजा 

दूरो दूरो भगत प्यारे आ गए आ गए , खुले तेरे दर्शन रज रज पा गए पा गए 
मेरा वि मन लोचे जी दर्शन बिन अखियाँ तरसन , दर्श दिखा जा आ जा दर्श दिखा जा 

बग्गे बग्गे शेर जंगल विच गजदे ने, गजदे ने, द्वारे मैया दे प्रेम नगाड़े वजदे ने वजदे ने 
फुला दी वर्षा  हो रही है , प्रेमी जयकारे बोलन , चरणी लगा जा आ जा चरणी लगा जा 

दुर्गा जी तेरा सुंदर भवन रंगीला ऐ , नाम तेरे दी जगह जगह ते लीला ऐ लीला ऐ 
सब जय जयकार बुलांदे ने , अपने भगता दी दाती आस पुजा जा आ जा आस पुजा जा  

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