गुरुवार, 4 जून 2015

माता की भेंट - 96



मेरी मात आ जाओ तुझे दिल ढूँढ रहा है 
मुझे दर्श दिखा जाओ  तुझे दिल ढूँढ रहा है 

  तुम आओ तो ऐ माँ मेरी किस्मत बदल जाये 
बिगड़ी हुई तकदीर माँ फिर से संवर जाये 
कबसे खड़ा हूँ मै तेरी उम्मीद लगाये  तुझे दिल ढूँढ रहा है 

  इस दुनिया ने ऐ माँ मेरा सुख चैन है छीना 
मुश्किल हुआ है आज तो  दर्श के जीना 
आवाज दे मुझको माँ अपने पास बुला ले  तुझे दिल ढूँढ रहा है 

रो रो के मैया आँखे भी , देती है दुहाई 
सुनलो मेरी विपदा मैया जी कर लो सुनाई 
अब जाऊं कहाँ तुम बिन नही और ठिका है  तुझे दिल ढूँढ रहा है 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें