गुरुवार, 4 जून 2015

माता की भेंट - 97



बहुत याद करते है तुमको भोली माँ 
 तुमको अम्बे माँ  तुमको भोली माँ 

ऊँचे पर्वतो पर मंदिर माँ  तुम्हारा 
चढ़ाई चढ़ चढ़ के आये जग सारा 
दर्शन पाओ आज, आई भोली माँ 

द्वारे मैया तेरे हम भी आये 
इक दर्शन की आस है लाये 
बिगड़ी बनादे मेरी, अम्बे भोली माँ 

जगमग जगमग जोत है जगती 
सबको ही प्यारी मैया तेरी जोत लगती 
अन्धो को भी ज्योति देती , जोता वाली माँ 

जागरण तेरा माँ मैने कराया 
नवरात्रों में तुझको बुलाया 
सिह पर सवारी आओ , मेरी भोली माँ 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें