मंगलवार, 2 जून 2015

माता की भेंट - 67



मैया जी तेरा आसरा चाहता हूँ , सन्मुख दर्शन पाना चाहता हूँ 

तेरे नाम को मैया दिल में बसाके , निशदिन चरणो में ध्यान लगा के 
श्रद्धा के फूलो की भेंट चढ़ा के , तेरी जोत को पूजना चाहता हूँ 

तुम शक्ति तीनो लोक की मैया , भक्तो ने ओट तेरे नाम की  लइया 
भवसागर से पार करो नैया ,  जीवन सफल मै बनाना चाहता हूँ 

दुर्गा भवानी तेरा भवन न्यारा , शेर सवारी तेरा जलवा है प्यारा 
तेरे चरणो का मैया लेकर सहारा , हर साल द्वारे तेरे आना चाहता हूँ 

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