वंशस्थ :
लक्षण :- लसे सु वंशस्थ ज ता ज रा शु भा
व्याख्या :- यह वार्णिक समछंद है। इसके प्रत्येक चरण में जगण , तगण ,जगण और रगण
क्रमश : बारह वर्ण होते है।
उदाहरण : -वसन्त ने सौरभ ने पराग ने
प्रदान की थी अति कान्त भाव से
वसुन्धरा को, पिक को , मिलिन्द को
मनोज्ञता , मादकता , मदान्द्ता
व्याख्या :-
उपर्युक्त छंद में क्रमश : 12 -12 वर्ण है। इसके प्रत्येक चरण में जगण , तगण , जगण
और रगण आने से वंशस्थ छंद हुआ।
लक्षण :- लसे सु वंशस्थ ज ता ज रा शु भा
व्याख्या :- यह वार्णिक समछंद है। इसके प्रत्येक चरण में जगण , तगण ,जगण और रगण
क्रमश : बारह वर्ण होते है।
उदाहरण : -वसन्त ने सौरभ ने पराग ने
प्रदान की थी अति कान्त भाव से
वसुन्धरा को, पिक को , मिलिन्द को
मनोज्ञता , मादकता , मदान्द्ता
व्याख्या :-
उपर्युक्त छंद में क्रमश : 12 -12 वर्ण है। इसके प्रत्येक चरण में जगण , तगण , जगण
और रगण आने से वंशस्थ छंद हुआ।
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