Meena's Diary
सोमवार, 21 दिसंबर 2015
चलो चलें दूर
चलो चलें , चलो चलें
दूर गगन में , दूर दूर दूर
दूर दूर दूर
हों न शूल भरे
जहाँ जग के इशारे
हों न प्रीत बंधे
हृदय दुखारे
जीवन के स्वप्न जहाँ
सुख से हों भरपूर
चलो चलें----------दूर दूर दूर
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