गुरुवार, 17 दिसंबर 2015

मुक्तक



१.           तुम पास नही तो क्या हुआ 
               तुम्हारी याद के लिए तस्वीर तो है 
                तुम साथ न भी हो तो क्या हुआ 
                मेरे साथ मेरी तकदीर तो है 




२           . किसी विडंबना जीवन की किसी ये लाचारी 
               चिढ़ता  जिनसे अन्तर्मन करनी पड़ती यारी 

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