सोमवार, 18 अप्रैल 2016

बजी है फिर शहनाई

बजी है फिर शहनाई दुल्हन तेरे घर आई
झूमेंगे नाचे गायें  आज,ख़ुशी की है घड़ी आई

पूरे होंगे तेरे अरमां खुशियाँ मिलेंगी भरपूर
रहे सलामत गम न मिले कभी तुझसे रहे वो दूर
पूरे हो सारे तेरे ख़्वाब मिले जो वो आफताब
दुल्हन तेरे घर आई ---------------------------

संग संग तुम भी चलना उसके करना न इक पल दूर
रहे सलामत जोड़ी तुम्हारी दुआ ये करूंगी ज़रूर
मिलें खुशियाँ अपार फूलों की रहे बहार
दुल्हन तेरे घर आई -----------------------------
@मीना गुलियानी 

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