बुधवार, 1 जून 2016

कोई जवाब नहीं

मुझसे तुम कोई सवाल पूछा न करो
तेरे सवालों का तो कोई जवाब नहीं

मेरे तो सब ख़्वाब हुए पराये है
हर तरफ तन्हाई के ही साये है
जैसे कि हर सांस दिल की धड़कन
कह रही है मेरी जिंदगी उधार है कहीं

तुम जो पिलाओ आँखों से नशा आ जाए
जो उतर न पाये सहर होने तक
अब कोई बात न करना खामोश रहो
तेरी बातों सवालों का कोई हिसाब नहीं
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें