रविवार, 26 जून 2016

बलमवा तेरे लिए

मैंने कितने ही सितम उठाए बलमवा तेरे लिए

निर्मोही संग प्रीत लगा के
राह तकत रही नैन बिछाके
ताने जग के सहे है मैने बलमवा---------

सबक वफ़ा का सिखाया न जाए
सीखो तो फिर भुलाया न जाए
दर्दे - गम को छुपाया है मैने बलमवा ----------

ख़्वाबों ख्यालों में मुहब्ब्त कैसी
हम पे बीती क़यामत ये कैसी
पूछे जो कोई  कैसे बताऊँ बलमवा -----------

हमपे बीती क़यामत ये कैसी
बुझे जो हवा से शिकायत कैसी
मैने लाखों के ताने सहे बलमवा --------------
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें