रविवार, 24 जुलाई 2016

भजनमाला ------------100

ये दुनिया अरे पागल इक राम कहानी है 
अपना न यहाँ कोई हर चीज़ बेगानी है 

जब फूल सा बचपन भी कायम न रहा तेरा 
हर सांस ये कहती है झूठी ये जवानी है 

यूँ मोह में आकर के क्यों खुद को भुला बैठा 
आया जो उसे जाना ये रीत पुरानी है 

भीष्म से तेजस्वी अर्जुन से धनुर्धारी 
रावण की बता जग में क्या बाकी निशानी है 

शुभ कर्म ही साथी है सुख दुःख में सदा तेरे 
दुनिया को तो दुनिया की दुविधा ही बढ़ानी है 

तज दुनिया के सब धंधे भज नाम तो तू बन्दे 
जीवन की अगर नैया उस पार लगानी है 
@मीना गुलियानी 

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