सोमवार, 25 जुलाई 2016

हँसते हँसते जीना

ओ जीने वाले हँसते हँसते जीना

आंसू तेरे छलक न आएँ
छलक छलक कर ढलक न जाएँ
आँखों में ही पीना

सूरज डूबे कभी न तेरा
जब तू जागे तभी सवेरा
तेरा बदले रंग कभी न

बिजली तुमको राह दिखाए
सुख के स्वर में बजा  बावरे
अपनी जीवन वीणा
@मीना गुलियानी 

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