मंगलवार, 26 जुलाई 2016

भजनमाला --------103

नाम [पैदा न किया संसार में आया तो क्या 
दिल न दिलबर से लगाया दिल अगर पाया तो क्या 

भर लिए धन के खजाने ऐशो अशरत खूब की 
दींन  को यदि दान देते हाथ थर्र्राया तो क्या 

दुःख में तो प्रभु भक्त होके  नित्य प्रभु जी को रटा 
मस्त हो सुख भोग में प्रभु नाम बिसराया तो क्या 

भीम सा बल में हुआ लड़ता फिर हर एक से 
धर्म रक्षा समय पग पीछे सरकाया तो क्या 

सत्य  के प्रण  का धनी पक्का रहा आराम में 
कष्ट में निज लक्ष्य भूला  और हर्राया तो क्या 

वक्त पर इक स्वेद बिंदु का भी श्रम कुछ न किया 
ऐ मानव बेवक्त यदि निज शीश कटवाया तो क्या 
@मीना गुलियानी 

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