मंगलवार, 27 सितंबर 2016

माता की भेंट ----10

माँ हाथ जुड़े हैं तेरे दरबार के आगे 
न झुकेगा सर मेरा इस संसार के आगे 

दिल में सदा गूँजे तेरे ही नाम की रटन
हर पल तेरे ही नाम को रटता रहे ये मन 
माँ तेरी लगन के कभी टूटे न ये धागे 

सांसों की डोरी को किया माँ तेरे हवाले 
दे दे मुझे अँधियारे या तू करदे उजाले 
रखना तू मेरी लाज कोई दाग न लागे 
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें