शुक्रवार, 9 सितंबर 2016

तन मन मेरा महकने लगा है

आज ये कौन मेरी गली से गुज़रा
तन मन मेरा महकने लगा है
सुधियों में फिर से बहार आ गई है
दिल बिन पिए ही बहकने लगा है

बिन चाँदनी रात रोशन हुई है
शमा सी दिल में जलने लगी है
तन मन मोरा आज झूम उठा है
दिल का मयूरा ठुमकने लगा है

कलियों ने फिर छेड़े तराने
भँवरे लगे फिर से गुनगुनाने
फूलों पे फिर से बहार आ गई है
रुत केसी मस्त फुहार लाई है

घिर आये हैं बदरा  काले
नैन अब नहीँ बरसने वाले
खुशियों के अब रंग मिले हैं
हरसू अब तो फूल खिले हैं

पलकों को फिर चूमे आँचल
देखो बह  जाए न काजल
आज तो दिल झूमे मेरा
आया है फिर दिन ये सुनहरा
@मीना गुलियानी 

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