गुरुवार, 3 नवंबर 2016

पवनिया धीरे चलो

मोरे सैंया जी आएंगे द्वार रे
पवनिया धीरे चलो
लेके डोलिया भी आए कहार रे
पवनिया धीरे चलो

नदिया गहरी बहता पानी
कल कल धारा नाव पुरानी
सर पे खड़ा मंझधार रे
पवनिया -------------------

उड़ उड़ जाए मोरी चुनरिया
लागे न किसी की नजरिया
नज़रें उठें बार बार रे
पवनिया ------------------

आये पिया आज दिल मेरा डोले
संग संग नैया भी खाये हिचकोले
डोली ले चले कहार रे
पवनिया ----------------------
@मीना गुलियानी 

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