रविवार, 4 जून 2017

कोई जीवन राग सुनाओ ना

जिंदगी का फलसफा कहीं शबे ग़म न बने
 जीवन के पथ में कोई निराशा बिंदु न बने
 अब कोई कटुवचनों से दिल धड़काए ना

                      चाँद सितारो तुम भी आओ संग हमारे तुम भी गाओ
                      अँधेरी रातों के दीपक बन धरती को तुम जगमगाओ
                       फिर कोई अलगाव न उभरे  ऐसा साज़ बजाओ ना

सच्चा साथी जब मिल जाए हर लम्हा मंज़िल बन जाए
किसी पड़ाव पे साथ न छूटे दिल का अरमा वो बन जाए
सांस सांस की धड़कन पर कोई जीवन राग सुनाओ ना
@मीना गुलियानी


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