बुधवार, 7 जून 2017

सुनता है वही सबकी फरियाद

हर पल जीवन के तू हँसके गुज़ार
जिंदगी के दो पल मिले हैं उधार
मत इनको रोके आंसुओं में गुज़ार

जो अब भी न समझा तो नादानी तेरी
यूँ ही बीत जायेगी जिंदगानी तेरी
सभी भूल जायेंगे कहानी ये  तेरी

तू आत्मबल बढ़ा और आगे बढ़
कर हिम्मत बुलन्द पर्वत पे चढ़
छू  लेगा आसमां भी ज़रा आगे बढ़

कर्म ऐसा कर दुनिया रखे याद
न डर रख हमेशा उसको तू याद
सुनता है वही सबकी फरियाद
@मीना गुलियानी 

1 टिप्पणी:

  1. यह संदेशात्मक काव्य बहुत अच्छा लगा..किन्तु ये लाइन तो दिल को छू गई,,
    "कर्म ऐसा कर दुनिया रखे याद
    न डर रख हमेशा उसको तू याद
    सुनता है वही सबकी फरियाद"

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