बुधवार, 9 अगस्त 2017

सन्देश ये तुमको देती है

तेरी आँखों से बहता जल
बूँद बूँद इक मोती है

नदिया की धारा भी देखी
सागर  से वो मिलती है
पर किसी की याद में तेरी
आँख रात भर रोती है

नीम खेजड़ी की शाखाएँ
कितनी ही गदराई हैं
चकवी चकवे की याद में
आँसू से मुख धोती है

नया सवेरा फिर आएगा
डूबा सूरज उग जाएगा
हर पत्ते पर ओस की बूँदे
सन्देश ये तुमको देती है
@मीना गुलियानी 

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