गुरुवार, 21 सितंबर 2017

माता की भेंट ---03

मेरी मात आ जाओ तुझे दिल ढूँढ रहा है 
मुझे दर्श दिखा जाओ तुझे दिल ढूँढ़ रहा है 

तुम आओ तो ऐ माँ मेरी किस्मत बदल जाए 
बिगड़ी हुई तकदीर माँ फिर से सँवर जाए 
कबसे खड़ा हूँ मैं तेरी उम्मीद लगाए --------- तुझे दिल ढूँढ़ रहा है 

इस दुनिया ने ऐ माँ मेरा सुख चैन है छीना 
मुश्किल हुआ है आज तो बिन दर्श के जीना 
आवाज़ दे मुझको माँ अपने पास बुला ले------ तुझे दिल ढूँढ़ रहा है 

रो रो के मईया आँखे भी देती हैं दुहाई 
सुनलो मेरी विपदा मईया जी करलो सुनाई 
अब जाऊँ कहाँ तुम बिन नहीं और ठिका है ----- तुझे दिल ढूँढ़ रहा है 
@मीना गुलियानी 

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