सोमवार, 22 जनवरी 2018

मोतियों को न लुटाओ

जिंदगी के हर पल को ख़ुशी से बिताओ
जो हुआ सो हुआ उन सबको भूल जाओ

गया वक्त क्या कभी लौटा है किसी का
भुला दो बीते कल को न खुद को मिटाओ

गर चाहते हो ख़ुशी को गले से लगाना
वो पल जो हंसी थे उन्हें फिर दोहराओ

जिन्हें  याद करके भीगें पलकें तुम्हारी
अच्छा होगा गर उन लम्हों को भुलाओ

आंसू भी किसी की अमानत हैं तुम पर
इन बेशक़ीमती मोतियों को न लुटाओ
@मीना गुलियानी 

3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत उम्दा मीना जी।
    तुम दुनिया के लिए एक इंसान हो पर अपनों के लिये पुरी दुनिया हो, भूल जाओ जो दुख से बोझिल था जिंदगी विस्मय जनक है फिर मुस्कुरा ती है।
    वाह वाह रचना।

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  2. 1bDA kthin hai gujre smy ko bhool pana asan nhin jindgi ke hr pl ko khushi se bitana

    2 anubhv deta hai jivn ka beeta waqt anubhv ko bhula kr,phir vhi bhool na dohrana

    3 bety hue kl ko aaj mein mt lao
    apne aane vale kl ke liye aaj ko na mitao 4 jo gltian kl ki theen.unse sbk lo
    koi ek baar tumhen bevqoof bnayee yh hai bhool uski baar baar bevqoof na tum bn jao

    5 aaj hai aane vaale kl ki ibaart
    isi pr bnegi tumhare aane vale kl ki imaart kro smy ka sdupyg na isko gvaao ashok

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