बुधवार, 28 फ़रवरी 2018

मेरे जीने की तू आस भी है

चाहे दूर है तू चाहे पास भी है
हर पल तेरा एहसास भी है

इस जग में कितने लोग मिले
पर तुझसे रिश्ता ख़ास भी है

तुझसे खुशियाँ इतनी हैं मिली
मुझे तुम पर इतना नाज़ भी है

तुम दूर न मुझसे कभी होना
तू ही धड़कन और श्वास भी है

तू ही है समाया इस दिल में
मेरे जीने की तू आस भी है
@मीना गुलियानी 

1 टिप्पणी:

  1. मेरे जीने ka mksd तू है
    Hmara atm vishvas तू है
    हर mushkil mein tu kaam aaega
    Aisa apna vishvaas भी है

    इस जग में sb लोग chod chले
    पर tu hi tikaa rhaa hr pl

    sflta aur viflta mein dta rha tuh hi
    मुझे तुम पर इतना नाज़ भी है

    tum na chodna ab sath mera
    तू ही ek dault meri

    तू है समाया इस jivn में
    bs ek shara khaas भी है
    ashok

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